
इस मौके पर युवा संवाद और मध्य प्रदेश महिला मंच की ओर से इरोम शर्मिला ओर उनके साथियों के समर्थन में कैंडल लाइट विजिल का आयोजन ज्योति टॉकीज के पास किया गया। कार्यक्रम में लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन करने वाले सैन्यबल (विशेष अधिकार) अधिनियम 1958 जैसे तमाम कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की। यहाँ इस बात का भी जिक्र किया गया कि नर्मदा घाटी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर कायरता का काम किया गया है। इस घटना के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठे रामकुंवर और चित्रूपा पालित का समर्थन करते हुए दोनों संगठनों ने इस बात कि भर्त्सना की कि सरकार अपना जायज हक़ मँगाने वाले को ही देशद्रोही करार देने पर तुली हुयी है। इस आयोजन में बड़ी तादाद में लोगों ने मोमबत्ती जलाकर अपनी सहभागिता दर्ज की। कार्यक्रम में प्रगतिशील लेखक संघ, भारत ज्ञान विज्ञान समिति, सन्दर्भ केन्द्र, जन पहल, बचपन, मध्य प्रदेश शिक्षा अभियान, नागरिक अधिकार मंच, पीपुल रिसर्च सोसाईटी और मुस्कान अदि संगठनों ने अपनी एकजुटता दिखाई।
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