बुधवार, 10 सितंबर 2008

बिहार को हमारी मदद की जरुरत

बिहार में आई प्रलयंकारी बाढ़ से तों अब सभी लोग परिचित है। उसी के बारें में कुछ बात करनी थी। कहना ये है कि अभी वहां के लोगों को हमारी मदद की जरुरत है। वहां ज्यादा से ज्यादा पैसे की जरुरत है, ताकि उनके पुनर्वास, भोजन, पानी और बीमारियों से बचाव के लिए दवाईयों की व्यवस्था हो सके। अभी मैंने और मेरे डिपार्टमेन्ट के साथियों ने कुछ पैसे इकट्ठा करके बिहार की जनता की मदद के लिए भेजा है। इसी तरह की सहायता की अपील मैं आप से कर रहा हूँ। कृपया जितना बन सके उतनी मदद से पीछे न हटे और बिहार से सम्बंधित किसी भी सूचना को अपने ब्लॉग पर जरुर डालें। मुझे बिहार फ्लड रिलीफ नेटवर्क (बीएफआरएन), दिल्ली से आए एक मेल से पता चला है कि बिहार की बाढ़ में हजारों बच्चे अनाथ हो गये है। इतना ही नहीं, अब तों वहां छोटे बच्चों की तस्करी भी शुरू हो गयी है, जो एक गंभीर ही नहीं बहुत ही नीच और शर्मनाक हरकत है। संकट के समय जब यहाँ के लोगों को मदद की जरुरत है, तब कुछ लोगों की इस हरकत को परिभाषित करने के लिए शायद निकृष्टता के इस निम्न से निम्न स्तर के लिए विद्वानों को किसी नए शब्द की खोज करनी पड़ेगी।
फिलहाल बिहार के लोगों को निम्नलिखित सामग्रियों और दवाओं की जरुरत है-
  • डॉक्टर और गाएनिकोलोजिस्ट
  • बच्चों के लिए दूध
  • प्लेट, गिलास, कपड़े, तौलियां, साबुन
  • बिस्कुट, नमकीन, तेल, दाल, चना, चीनी, नमक
  • चप्पल, दरी, प्लास्टिक्स शीट
  • मोमबत्ती, टॉर्च, माचिस

इसी के साथ ही भारी मात्रा में दवाओं की भी जरुरत भी है। अतः निवेदन है कि बिना भेदभाव के आगे आए और मदद करें। धन्यवाद..

2 टिप्‍पणियां:

shodarthi ने कहा…

डिएर प्रसान्त आपका विचार बहुत आछा है हम सभी से यह अरदास करता हु की आपके विचारो से लोग प्रभावित हो और बिहार वालो के लिये मदद का हाथ बढाई

sudha ने कहा…

प्रशांत जी आपके इन विचारों को पढ़कर निश्चित ही आम व्यक्ति भी बाढ़ पीडितों के दर्द को महसूस कर सकेंगे. और ज्यादा से ज्यादा लोग मदद के लिए सामने आयेंगे. आपका इस प्रयास के सफल होने की कामना करती हूँ.