शनिवार, 31 मई 2008

एक और नया अख़बार

भोपाल इन दिनों अखबारों का गढ़ बनता जा रहा है। अभी हाल ही में यहाँ कई अख़बारों ने अपने कदम रखे हैं। इंदौर की नईदुनिया ने राज्य की नईदुनिया को नवदुनिया नाम से फ़िर से प्रकाशित करना शुरू कर दिया है। दैनिक भास्कर ने डीबी स्टारनाम से एक नया अख़बार शुरू कर दिया है, जो दैनिक भास्कर के पाठकों को एकदम मुफ्त दिया जा रहा है। इस अख़बार ने एक रुपये में भी दैनिक भास्कर को शुरू किया है। बिजनेस स्टैंडर्ड भी जल्दी ही यहाँ से प्रकाशित होना शुरू हुआ है। अब भास्कर समूह भी अपना बिजनेस अख़बार शुरू करने वाला है। जिसका नाम है बिजनेस भास्कर और इसका दावा है की यह व्यापार का "सम्पूर्ण हिन्दी" अखबार है। इस नए अख़बार की टैग लाइन है नौलेज फॉर ग्रोथ। मुझे लगता है की ये अख़बार अपनी ही कही बात पर ही खरा नहीं उतरता प्रतीत हो रहा है, क्योंकि यह सम्पूर्ण हिन्दी अख़बार का दावा तों कर रहा है पर अख़बार का नाम बिजनेस, जो एक अंग्रेजी शब्द है, से शुरू होता है। ऐसे में भास्कर को इस तरह के दावे नहीं करने चाहिए जो कभी पूरे ही न हो पाए। इसका कारण यह है कि हम अब अंग्रेजी को नकार नहीं सकते है। बिना अंग्रेजी के अब कुछ भी लिखना सम्भव नहीं है। अख़बारों में भी हिंगलिश भाषा का प्रचलन बढ़ गया है। ऐसे में इस तरह के दावे मुझे लगता है कि नहीं किए जाने चाहिए।

1 टिप्पणी:

अनुनाद सिंह ने कहा…

"इसका कारण यह है कि हम अब अंग्रेजी को नकार नहीं सकते है।"


आपका आत्मविश्वास रसातल में पहुँचा हुआ है। इतना तो कहा ही जा सकता है कि अंग्रेजी का विरोध आप जैसे लोगों के बल पर नहीं हो सकता। इसके लिये महात्मा गांधी जैसे व्यक्तिव की जरूरत है जो लंगोटी पहनकर, वायुयान पर चढ़कर, लन्दन जाकर , 'महारानी' से मिल सकता है।