शनिवार, 17 मई 2008

महंगाई की चौतरफा मार

मुद्रास्फीति की दर ने शुक्रवार को फ़िर एक नई ऊँचाई को छू लिया है। यह नई ऊँचाई ७.८३ प्रतिशत की है। इसकी वजह अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण है। सरकार महंगाई को रोकने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है, पर अभी तक के उठाए गए सरकारी कदमों से महंगाई की दर के थमने की उम्मीद न के बराबर है। सरकार ने कई खाद्यानों के वायदा कारोबार पर रोक लगा दी है। स्टील और सीमेंट के भाव भी घटा दिए है पर अभी भी इन प्रयासों से समस्या का कोई कारगर हल नहीं निकल पाया है। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह मुद्रास्फीति की दर ७.६१ और उसके के भी पिछले सप्ताह यह ७.५७ प्रतिशत की दर पर थी। सरकार द्वारा इतने प्रयासों के बावजूद विशेषज्ञों ने मुद्रास्फीति की दर को ८ फीसदी के आंकडे को पार करने की जताई है। विडंबना यह भी है की इन परिस्थियों में भी आलू और प्याज के दाम रोजाना गिर रहे है, जिसकी वजह से इसकी खेती से जुड़े किसान परेशान है। सरकार के ठीक समय पर सही एवं प्रभावी कदम न उठा पाने के कारण आज इन परिस्थितियों की मार सबको झेलनी पड़ रही है और महंगाई की सबसे ज्यादा मार तों आम आदमी की जेब पर पड़ी है। सरकार की इन नीतियों के कारण आम जन को और कितनी परेशानिया उठानी पड़ेगी यह तों आने वाले समय के साथ आम आदमी को ही झेलनी पड़ेगी, अगर सरकार ने सही कदम नहीं उठाया तों।

1 टिप्पणी:

समय चक्र ने कहा…

आपके विचारो से सहमत हूँ