मंगलवार, 22 अप्रैल 2008

कितने अजीब रिश्तें हैं यहाँ पे..

कितने अजीब रिश्तें हैं यहाँ पे
दो पल मिलते हैं साथ-साथ चलते हैं
जब मोड़ आए तों बच के निकलते हैं
कितने अजीब रिश्तें हैं यहाँ पे
ये गाना बॉलीवुड की एक फ़िल्म का है। कहते हैं कि फिल्में समाज का आइना होती है कुछ इसी तरह यह गाना भी समाज कि हकीकत को बतलाता है। ये गाना समाज में बने रिश्तों पर चोट करता है। कोई बच्चा जब पैदा होता है उसके साथ ही वह कई सारे रिश्तों में बंध जाता है। उसे कई सारे रिश्तें जैसे मां, बाप, भाई, बहन , दादा और दादी जैसे कई सारे रिश्तें बने बनाये मिल जाते है। फ़िर धीरे -धीरे वह बड़ा होता है और कई सारे अन्य रिश्तों में बंधता है। स्कूल जाने के बाद वह एक और रिश्तें मी बंधता है जिसे दोस्ती है। बाकि सारे रिश्तें तों बने बनाये मिलते है पर केवल दोस्ती का रिश्ता ऐसा होता है जिसे आदमी ख़ुद बनता है या चुनता है।
अक्सर दोस्ती उसी से होती है जिसकी आदतें और व्यव्हार आपस में मिलते है। शायद इसी आधार पर दोस्ती का रिश्ता बनता है। या कुछ ऐसे लोगों से भी दोस्ती होती है जिनके हिसाब से वो या हम अपने आदतों और व्यव्हार मी बदलाव लाते है। दोस्ती संसार के सभी रिश्तों मी सबसे बड़ा रिश्ता होता है परिवार को छोड़ दिया जाय तों। पर अब दोस्ती भी बहुत सोच- विचार के और सामने वाले को अच्छी तरह से समझ कर करनी चाहिए क्योंकि ऐसे-ऐसे दोस्त आज पृथ्वी पर मिलते है जो कहते तों है की दोस्त है पर ख़ुद ही नहीं समझ पाते कि क्या कह दिया। ऐसे लोग दोस्ती करते है पर केवल अपना और दुनिया का ख्याल करते है, दोस्त का नहीं। खैर अगर दोस्त से कोई गलती हो जाए तों क्या उसे माफ़ नहीं किया जाता या उससे बात ही बंद कर दी जाती है। क्या उसे सुधारने का एक मौका नहीं मिलना चाहिए। हो सकता है की इसके बाद वो आपको नाराज न करे।
इस तरह से उस दोस्त के साथ सलूक करना ठीक है। मैं नहीं मनाता की ऐसा होना चाहिए। अरे एक बार तों उसे अपनी बात कहने का मौका देना चाहिए, पर ऐसा लोग क्यों नहीं करते। नाराजगी से कुछ हासिल नहीं होता है, बल्कि उससे गुस्सा और बढ़ता ही है। बात करने से गलत्फह्मिया दूर होती है और दोस्ती और अच्छी हो जाती है। इसलिए सब कुछ भूल कर उसकी गलतियों के लिए उसे एक बार माफ़ कर देना चाहिए ताकि उसे थोड़ी सी राहत मिल सके। नहीं तों मेरे का ये गाना ठीक ही बैठता है ऐसी स्थिति में :
कोई होता
जिसको अपना
हम अपना
कह लेते यारों
पास नहीं तों
दूर ही होता
लेकिन कोई
मेरा अपना।






1 टिप्पणी:

Neeraj Nayyar ने कहा…

gud one, keep it up