ये आंखें क्या कहतीं,
कुछ समझ नहीं आता..
ये आंखें क्या सोचतीं,
कुछ समझ नहीं आटा..
ये आंखें क्या कहतीं
कुछ समझ नहीं आता..
बस इनमें डूब जाऊ,
ये समझ आता..
कुछ समझ नहीं आता..
ये आंखें क्या सोचतीं,
कुछ समझ नहीं आटा..
ये आंखें क्या कहतीं
कुछ समझ नहीं आता..
बस इनमें डूब जाऊ,
ये समझ आता..
2 टिप्पणियां:
wow bahut achi rachna he ye
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
Saral,sahaj rachana!
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