गुरुवार, 23 अक्तूबर 2008

इंसान को इंसान समझने की जरुरत

न तों कोई छोटा होता है
और
न ही कोई बड़ा।
न तों कोई अमीर होता है
और
न ही कोई गरीब।
न तों कोई काला होता है
और
न ही कोई गोरा।
न तों कोई सुंदर होता है
और
न ही कोई बदसूरत।
जरुरत है तों
बस
इंसान को इंसान समझने की।
फ़िर
न तों कोई हिंदू रहेगा
और
न ही कोई मुसलमान।
न तों कोई सिख रहेगा
और
न ही कोई ईसाई।
फ़िर
न तों उत्तर भारतीय रह जाएगा
और
न ही कोई दक्षिण भारतीय।
न तों कही कंधमाल होगा
और
न ही कही गोधरा।
जरुरत है तों बस
इंसान को इंसान समझने की।

4 टिप्‍पणियां:

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

बढ़िया अभिव्यक्ति. लिखते रहिये

Unknown ने कहा…

हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई होते हुए भी इंसान को इंसान समझा जा सकता है.

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत सटीक और बेहतरीन. लिखते रहिये.

Siddharth Bhardwaj ने कहा…

Good, Very Good Dear.

Keep it UP.

Siddharth