गुरुवार, 17 जुलाई 2008

क्रिकेट पर छाया नशे का सुरूर

पाकिस्तान के टीम की इस वक्त चाहे जैसी हो पर एक चीज़ में वो सबसे आगे रहते है, वह है विवादों और खिलाड़ियों का चोली दामन का साथ। इसका ताजा है उदाहरण पाकिस्तानी क्रिकेटर मो. आसिफ। अभी हाल ही में उन पर आरोप लगा है कि आईपीएल मैच के दौरान उन्होंने नशा किया हुआ था। इतना ही नहीं आईपीएल मैचों की समाप्ति पर वापस पाकिस्तान लौटने पर मो. आसिफ को दुबई हवाई अड्डे पर ड्रग के साथ गिरफ्तार किया था। हालाँकि बाद में आरोप साबित न होने पर वो छूट गये थे। इन दोनों आरोपों से यह सिद्ध होता है कि कहीं न कहीं कोई बात जरुर है। पाकिस्तान के एक अन्य क्रिकेटर शोएब अख्तर तों आए दिन विवादों में बने ही रहते है। यह तों हुयी नशे कि बात। यहाँ हमें खुश होने कि जरुरत नहीं क्योंकि हमारे भारतीय खिलाड़ी भी कुछ कम नहीं। बीते एशिया कप के फाइनल वाले दिन कि पूर्व संध्या पर कप्तान धोनी और उनकी टीम के कुछ सदस्य करीब सुबह तक किसी पार्टी में मशगूल थे। ऐसा आरोप हमारे भारतीय खिलाड़ियों पर लगा है। ये दो अलग-अलग मामले है, पर इसमे एक समानता है और वह यह है कि खिलाड़ी अब न तों देश प्रेम कि भावना से खेल रहे है और न ही खेल भावना से। क्रिकेट में होती अंधाधुंध कमाई से खिलाड़ियों आँखों में पट्टी पड़ गयी है। अब ये बस पैसे को ही सर्वोपरि मानने लगे है। देश इस भावना के सामने कुछ भी नहीं है। कप्तान धोनी ये तों कहते है कि खिलाड़ियों को अब आराम चाहिए, क्योंकि वो लगातार मैच खेलते आ रहे है। लेकिन इस वाकये पर अभी किसी ने कुछ भी कहने की जहमत नहीं उठाई है। खिलाड़ी अब यह जान गये है कि टीम जीते या हारे पैसे कि कोई कमी नहीं होने वाली है। उन्हें दोनों ही सूरतों में उन्हें पैसे मिल ही जाएँगे। इस प्रकार भारत या यूँ कहे पूरे एशिया के इस लोकप्रिय खेल कि विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।

1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

सही है.