रविवार, 4 मई 2008

सूर्य प्रकाश का वाहन

सूर्य, प्रकाश का वाहन
सूर्य, विश्वास का प्रतीक
सूर्य, सुबह का आह्वान
सूर्य, आशा की निशानी
सूर्य, शुद्धता का प्रमाण
सूर्य, प्रशांति की आभा
सूर्य, अन्धकार का अंत
सूर्य, आराधना का आधार
सूर्य, प्रेम का अजेय योद्धा
सूर्य, प्रसन्नता का वाहक
सूर्य, जीवन का स्रोत
सूर्य, बह्मंड का शांतिदूत
जीवंतता से थामे हुए इस सृष्टि को
बरसा रहा वो संजीवनी
उज्जवल उसकी आभा से ये मन
ओजस्वी वो गुणों से, इस धारा पर छा रहा है।
हर उदय से उदित हो ये जीवन
हर किरण से ऊर्जा का हो आह्वान,
हर अंश से तिमिर का हो दमन,
वो नव-सूर्य दिन की चौखट से अंतस में प्रवेश पा रहा है।
- दैनिक भास्कर

कोई टिप्पणी नहीं: