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मां
मां कितनी याद
आती है
मां
बार-बार
याद आती है
मां
घर छोड़कर
शहर तों आ गया
पर
बिन तेरे रह नहीं पाता
मां
याद आती हैं
तेरे हाथ की बनी
रोटियां
और
तेरा दुलार
कितना अच्छा होता
कि
गाँव में ही
मिल जाता
रोजगार
ताकि कभी
दूर
न होते
तेरी ममता कि छांव
और
प्यार।
18 टिप्पणियां:
मां तो मां होती है, इसीलिए कहता हूंः
दुनिया की सभी मांओं के सलाम
कितना अच्छा होता
कि
गाँव में ही
मिल जाता
रोजगार
ताकि कभी
दूर
न होते
तेरी ममता कि छांव
और
प्यार।
"very emotional words, ek ek picture ne mntrmugdh kr diya.."
Regards
bahoot khoob.likhte rahiye.
regards.
swati
maa jiske kahne bhar se hi dil men payar umdta ha...bahut achi rachna ha ....
samay ke sach ko atyant saralta se ujagar karti ek marmik rachna.Badhai.
संवेदनशील अभिव्यक्ती!बधाई/
तस्वीरों के माध्यम ने कविता को और मुखर कर दिया। बधाई...
माँ माँ माँ और सिर्फ़ माँ
शब्दों मे बांधने का प्रयास बहुत की हर्दय्स्पर्शी था
जो तस्वीरे आप नए दीखाई है वो दिल के अन्दर सजाने के लायक है
प्रशांत जी,
आपने सबकी भावनाओं को छूने का बहुत ही सार्थक प्रयास किया है. माँ शब्द अपने आप में संपूर्ण ब्रह्माण्ड है. आपकी भावनाएं यह प्रदर्शित करती है कि दुनिया में माँ जैसा कोई नहीं है. आपने लिखा है कि यदि रोजगार होता तो माँ को छोड़कर यहाँ क्यों आते. लेकिन आपको मैं धन्यवाद देना चाहूँगा उन समस्त मित्रों की तरफ़ से जो माँ से रहते हुए भी उनके सपने साकार करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहते है. आपका बहुत-बहुत धन्यवाद.
शांतनु मिश्रा
shantnu.mj@gamil.com
प्रशांत जी,
आपकी भावनाओं और माँ के प्यार को यद् करते हुए दो शब्द मैं भी कहना चाहता हूँ -
माँ,
जिन्दगी में धूप की छांव हो तुम,
दुःख के दरिया की नाव हो तुम,
जिंदगी की परिभाषा हो तुम,
प्यार का सबसे खुबसूरत नाम हो तुम,
तेरी ममता में ऐसी बात है
सोचता हूँ,
क्यों
इबादत मैं उस ईश की करूँ
जब तक जीवन में
माँ तुम्हारा साथ है.
ऊपर जहाँ में जिसका अंत नहीं
उसे आसमां कहते है,
नीचे जिसका अंत न हो
उसे माँ कहते है.
इन्ही शब्दों के साथ आपको पुनः धन्यवाद् देना चाहूँगा कि आपने माँ को याद किया.
shantnu.mj@gmail.com
srahniy pryas hai.....aise hi likhte rahiye ....
Aparna
DHOOP HAI TEIZ BAHUT MUJHKO BACHAYE RAKHNA,
AYE MERI MAAN KI DUAON YUN HI SAAYE RAKHNA.
Thanx for visit me.
ANWARUL HASAN
RJ-FM-RAINBOW 100.7 lKO
DIRECTOR- VOICE PRODUCTION
Beautiful photographs.
vakai badiya aur umda rachna hai...............yese hi likhte rahe aur aage badte rahe ek sachche dost ki yahi kamna hai......all the best
बहुत खूब, मॉं तो आखिर मॉं होती है।
sedhe dil mei utri........
aur aankh nam kar gai aap ki ye rachna.......
मैंने मरने के लिए रिश्वत ली है ,मरने के लिए घूस ली है ????
๑۩۞۩๑वन्दना
शब्दों की๑۩۞۩๑
आप पढना और ये बात लोगो तक पहुंचानी जरुरी है ,,,,,
उन सैनिकों के साहस के लिए बलिदान और समर्पण के लिए देश की हमारी रक्षा के लिए जो बिना किसी स्वार्थ से बिना मतलब के हमारे लिए जान तक दे देते हैं
अक्षय-मन
बहुत सुंदर चित्र और चित्रों का भावः स्पष्ट करती रचना
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