मुझे पढ़ने वालें सभी पाठकों को सलाम। अभी कुछ ही दिन हुए है ब्लॉग की दुनिया में कदम रखे। ये तों एक दिन न जाने कहाँ से ब्लॉग के कीड़े ने काट लिया और मैं भी बिना इसके बारें में ज्यादा जाने-सुने इस नई दुनिया में जोर आजमाईश करने चला आया। अब आ गया तों इसका चस्का ऐसा लगा की अब लगता है कि कभी छोड़ ही नहीं पाऊंगा। उस समय नया था तों जल्दी-जल्दी में कोई नाम नहीं सोच पाया अपने ब्लॉग का, ऐसा नहीं कि मैंने प्रयास नहीं किया। मैंने प्रयास किया था, पर कोई भी उपयुक्त शब्द दिमाग में नही आ पाया। मेरे साथ तों हर बार ऐसा ही होता है कि जो चीज़ चाहता या ढूंढ़ता हूँ वो मुझे जल्दी मिलती ही नहीं। खैर एक दिन ऐसे ही शब्द सागर में गोते लगता हुआ वो शब्द मेरे जेहन में आ ही गया जिसकी मैं तलाश कर रहा था और शायद ये शब्द मेरी लेखनी के हिसाब से और मेरे ब्लॉग के मिजाज़ के लिहाज से एकदम फिट बैठता है। मैंने इसी के साथ ही अपने ब्लॉग का युआरएल (एड्रेस) भी बदल दिया है और इसको एक नया नाम दे दिया है। http://www.aawaam.blogspot.com/ ये मेरे ब्लॉग का नया पता है और ब्लॉग का नाम है "अवाम : THE PEOPLE"। आशा है कि आपका और मेरा साथ बना रहेगा। धन्यवाद।
मंगलवार, 26 अगस्त 2008
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4 टिप्पणियां:
बेहतरीन लिखा है आपने
आपके द्वारा लिखा गया यह संस्मरण वाकई काबिले तारीफ है. आपके कार्य की मै सराहना करता हूँ. आपके जैसे लोगों की जरुरत साहित्य समाज को हमेशा पड़ती रहेगी. हम आपके उज्जवल भविष्य की कमाना करते है. साथ ही आपको निरंतर इस तरह के लेख लिखने के लिए शुभकामना देते है.
नये नाम के साथ पुनः स्वागत है.अब नियमित लिखें. शुभकामनाऐँ.कृपा वर्ड वेरिफिकेशन हटा लेवे.. टिप्पणी देने में सुविधा होगी.
jo chaska aapko laga hai vah koi bura nahi hai. manywar blog ka keeda achha hota hai, yah kaatata nahi, gudgudata hai, lage rahiye.
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